मसूरी ग्राम बगसील देवलसारी स्थित भगवान भोलेनाथ मंदिर में हरियाली कार्यक्रम के तहत भोलेनाथ की डोली श्रद्धालुओं ने दर्शन किए व साथ हरियाली कार्यक्रम के समापन में बड़ी तादात में भक्तगणों ने पूजा अर्चना कर परिवार की सुख शांति बनाये रखने का आशीर्वाद लिया।
मसूरी के समीपवर्ती जौनपुर विकासखंड के ग्राम बंगसील देवलसारी में आयोजित हरियाली कार्यक्रम में पांडव नृत्य व लोक संस्कृति की धूम रही। पांडवों कला से जुड़े कई विधाओं का देवताओं के पश्वों ने मनमोहक मंचन किया। हरियाली काटने के बाद त्रिलोकी नाथ की डोली विधिवत पूजा अर्चना के बाद बाहर निकाली गई, श्रद्धालुओं ने भगवान शंकर के दर्शन कर देश में शांति व सदभाव की कामना के साथ ही परिवार की खुशहाली की कामना की व मन्नतें मांगी। इस मौके पर मंदिर के पुजारी विजय गौड़ ने बताया कि देवलसारी की सुंदर वादियों के मध्य स्थित भगवान भोलेनाथ की पूजा कोनेश्वर महादेव के रूप में की जाती है, उन्होंने बताया कि उत्तराखंड के अधिकाशं क्षेत्रों में नाग के रूप में पूजा होती है लेकिन बंगसील देवलसारी गिने चुने स्थानों में एक है जहां पर स्वय भगवान शंकर बिराजमान है जिनकी पूजा कोनेश्वर महादेव के रूप में की जाती है। जिनकी देव डोली वर्ष के बैसाख, और भाद्रपद में बाहर निकाली जाती है, जो चार गांव का भ्रमण करती है, तदोपरांत डोली देवलसारी के प्राचीन मंदिर के गर्भ गृह में स्थापित की जाएगी। इस मौके पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।
जय गौड़ ने बताया कि देवलसारी की सुंदर वादियों के मध्य स्थित भगवान भोलेनाथ की पूजा कोनेश्वर महादेव के रूप में की जाती है, उन्होंने बताया कि उत्तराखंड के अधिकाशं क्षेत्रों में नाग के रूप में पूजा होती है लेकिन बंगसील देवलसारी गिने चुने स्थानों में एक है जहां पर स्वय भगवान शंकर बिराजमान है जिनकी पूजा कोनेश्वर महादेव के रूप में की जाती है। जिनकी देव डोली वर्ष के बैसाख, और भाद्रपद में बाहर निकाली जाती है, जो चार गांव का भ्रमण करती है, तदोपरांत डोली देवलसारी के प्राचीन मंदिर के गर्भ गृह में स्थापित की जाएगी। इस मौके पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।